
प्रयागराज का पड़िला महादेव मंदिर
प्रयागराज के फाफामऊ से सिकंदरा रोड पर एक खास जगह है, जिसे पड़िला महादेव मंदिर कहा जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। ये मंदिर सोरांव तहसील के सोरांव ब्लॉक में फाफामऊ बाजार से 4 किलोमीटर दूर पड़िला खास गाँव में मौजूद है। चलिए, इस मंदिर की कहानी को एक रोचक तरीके से जानते हैं।

पड़िला महादेव मंदिर और पांडवों की कथा
कहानी के अनुसार, जब पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान इस क्षेत्र में आए, तो उन्होंने भगवान शिव की आराधना करने के लिए यहां शिवलिंग की स्थापना की। यह वही जगह है जहां पांडवों ने ऋषि भारद्वाज की सलाह पर भगवान शिव का पूजन किया था। इसीलिए इसे पांडेश्वरनाथ महादेव के नाम से भी जाना जाता है।

पड़िला महादेव मंदिर का धार्मिक महत्व
यह मंदिर न सिर्फ अपनी प्राचीनता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि भगवान शिव की कृपा से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। खासकर सावन के महीने में यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। लोग कांवड़ लेकर आते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं।

पड़िला महादेव मंदिर का भव्य मेला
सावन माह और महाशिवरात्रि पर यहां भव्य मेले का आयोजन होता है। मेले में हजारों श्रद्धालु और पर्यटक हिस्सा लेते हैं। इस दौरान मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है और विभिन्न धार्मिक आयोजन होते हैं, जैसे भजन, कीर्तन और कथा वाचन। मेले में खाने-पीने की चीजों के साथ-साथ धार्मिक वस्त्र और पूजा सामग्री भी मिलती है।

स्थानीय लोगों की भागीदारी
इस मेले में स्थानीय लोग भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं और आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर रहते हैं। उनका मानना है कि इस मेले में भाग लेने से उन्हें भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है और उनका जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है।
पड़िला महादेव मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक धरोहर भी है। अगर आप कभी प्रयागराज जाएं, तो इस अद्भुत मंदिर के दर्शन जरूर करें।
