प्रयागराज, उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर, अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान के साथ-साथ अपने विशिष्ट मौसम के लिए भी जाना जाता है। पिछले दस वर्षों में, प्रयागराज के मौसम में कई उल्लेखनीय बदलाव देखे गए हैं। इस लेख में हम प्रयागराज के मौसम के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करेंगे, जिसमें गर्मी, सर्दी, मानसून, कोहरा, बारिश, और तापमान के चरम शामिल हैं।
प्रयागराज का मौसम: एक अवलोकन
प्रयागराज की भौगोलिक स्थिति (25.44°N, 81.83°E) इसे एक विशिष्ट उपमहाद्वीपीय जलवायु प्रदान करती है। यहाँ चार प्रमुख मौसम होते हैं: गर्मी, मानसून, सर्दी, और पोस्ट-मानसून। प्रत्येक मौसम की अपनी विशेषताएँ और समयावधि होती है।
गर्मी का मौसम (मार्च से जून)
गर्मी का मौसम मार्च से शुरू होता है और जून तक रहता है। इस दौरान तापमान तेजी से बढ़ता है, और मई में यह अपने चरम पर पहुँच जाता है। प्रयागराज में गर्मियों में तापमान 40°C से ऊपर चला जाता है। 2024 में, प्रयागराज ने 48.8°C का तापमान दर्ज किया, जो पिछले 128 वर्षों में सबसे अधिक था[3]। इस मौसम में लू चलती है, जो इसे और भी कठिन बना देती है।
मानसून (जून से सितंबर)
मानसून का आगमन जून के अंत में होता है और यह सितंबर तक रहता है। इस अवधि में प्रयागराज में अच्छी खासी बारिश होती है। मानसून के दौरान औसत तापमान लगभग 34°C होता है[6]। बारिश के कारण तापमान में थोड़ी गिरावट आती है, लेकिन नमी के स्तर में वृद्धि होती है। मानसून की बारिश कृषि के लिए महत्वपूर्ण होती है, विशेष रूप से खरीफ फसलों के लिए[5][9]।
सर्दी का मौसम (नवंबर से फरवरी)
सर्दी का मौसम नवंबर से शुरू होता है और फरवरी तक रहता है। इस दौरान तापमान 14°C तक गिर सकता है[6]। दिसंबर और जनवरी में ठंड अपने चरम पर होती है। इस समय कोहरा भी आम है, जो रात और सुबह के समय अधिक होता है[7]। कोहरा दिन के समय धीरे-धीरे छंटता है।
पोस्ट-मानसून (अक्टूबर से नवंबर)
पोस्ट-मानसून का समय अक्टूबर से नवंबर तक होता है। इस अवधि में मौसम सुहावना होता है और तापमान में गिरावट शुरू हो जाती है। यह समय त्योहारी सीजन के साथ मेल खाता है, जिससे यह शहर में गतिविधियों के लिए आदर्श बनता है।
मौसम में बदलाव और उनके प्रभाव
पिछले दस वर्षों में, प्रयागराज के मौसम में कुछ बदलाव देखे गए हैं, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को दर्शाते हैं। इन बदलावों में तापमान में वृद्धि, मानसून की अनिश्चितता, और कोहरे की तीव्रता में वृद्धि शामिल है।
तापमान में वृद्धि- पिछले कुछ वर्षों में, गर्मियों के दौरान तापमान में वृद्धि देखी गई है। 48.8°C का रिकॉर्ड तापमान इसका प्रमाण है। यह वृद्धि जलवायु परिवर्तन के कारण हो सकती है।
मानसून की अनिश्चितता- मानसून की बारिश में अनिश्चितता बढ़ी है। कभी-कभी बारिश देर से होती है या कम होती है, जिससे कृषि पर असर पड़ता है।
कोहरे की तीव्रता- सर्दियों में कोहरे की तीव्रता और अवधि में वृद्धि हुई है। यह परिवहन और दैनिक जीवन को प्रभावित करता है[7]।
निष्कर्ष
प्रयागराज का मौसम विविध और चुनौतीपूर्ण है, जिसमें चार प्रमुख मौसम होते हैं। पिछले दशक में, मौसम में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए हैं, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को दर्शाते हैं। इन बदलावों का कृषि, स्वास्थ्य, और दैनिक जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। भविष्य में, इन परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए योजना बनाना और अनुकूलन करना आवश्यक होगा, ताकि प्रयागराज के लोग इन चुनौतियों का सामना कर सकें और अपनी जीवनशैली को सुरक्षित रख सकें।