
निषादराज पार्क श्रृंग्वेरपुर प्रयागराज की कहानी
8 हेक्टेयर यानि लगभग 32 बीघे में फैला हुआ यह पार्क तकरीबन 165 करोड़ की लागत से तैयार होकर प्रयागराज का एक नया पर्यटन स्थल बन चुका है। इस पार्क का मुख्य उद्देश्य इस संदेश को फैलाना है कि समाज में सभी जातियां एक दूसरे के काम आती है इसलिए सभी बराबर हैं। इसके लिए वाल्मीकि द्वारा लिखे गए रामायण के अयोध्या कांड में उस घटना को मूर्ति बनाकर दिखाया गया है जब श्री राम, मल्लाहों के राजा निषाद को अपने सीने से लगाते हैं। इस उदारता से खुश होकर राजा निषाद नाव से श्री राम, लक्ष्मण और सीता जी को गंगा नदी के पार ले जाकर भारद्वाज ऋषि के आश्रम तक पहुंचाते हैं।

निषादराज पार्क श्रृंग्वेरपुर प्रयागराज में कहाँ है?
प्रयागराज के फाफामऊ विधानसभा क्षेत्र, सोरांव तहसील में कौड़िहार और होलागढ़ विकासखंड के 50 ग्राम सभाओं को मिलाकर अगस्त 2019 में श्रृंगवेरपुर धाम नाम से एक नया विकासखंड बनाया गया। यहीं से अयोध्या से चित्रकूट तक बनने वाले राम वनगमन पथ का मार्ग भी होकर गुजरेगा। इस परियोजना पर लगभग 4200 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें गंगा पर एक पुल का निर्माण भी शामिल है।
संगम से यह जगह मात्र 40 किलोमीटर दूर है। इसके लिए संगम से चलकर गंगा नदी का पुल पार करके लगभग 12 किलोमीटर बाद फाफामऊ तिराहा, जहाँ से 4 किलोमीटर दूर NH-38 पर है मलाका का फ्लाईओवर चौराहा, यहां से लखनऊ वाले हाईवे पर सिर्फ 20 किलोमीटर दूर है श्रृंग्वेरपुर धाम जहां पर यह पार्क मौजूद है।

निषादराज पार्क श्रृंग्वेरपुर की विशेषताएँ
प्रतिमा-1: पार्क में भगवान राम और निषादराज के मिलन की 51 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित की गई है। यह प्रतिमा ललित कला अकादमी, लखनऊ द्वारा बनाई गई है। इस मूर्ति की लागत है 3.68 करोड़ रुपये। रामायण के अयोध्या कांड में श्री राम केवट को जब अपने सीने से लगाते हैं, यह मूर्ति उसी कथा का चित्रण है। जिसका मतलब है कि समाज में सभी जातियां बराबर हैं।
प्रतिमा-2: पार्क में एक जगह पर उस दृश्य की प्रतिमा बनाई गई है जब निषादराज खुद नाव से श्री राम को गंगा नदी पार कराते हैं।
प्रतिमा-3: वनवास के समय श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता किस तरह जंगलों में कुटिया बना कर रहा करते थे उसे भी मूर्ति के जरिए दिखाया गया है।
प्रतिमा-4: जब श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या से वन की ओर जा रहे थे तो किस तरह नगर वासी उनके पीछे-पीछे रोते हुए दौड़ रहे थे, उसे भी मूर्तियां बनाकर बहुत ही रोचक तरीके से दिखाया गया है।
प्रतिमा-5: इसके अलावा श्रृंगी ऋषि की प्रतिमा भी मुख्यगेट के सामने ही बनाई गई है।
विकास कार्य: पार्क का विकास दो चरणों में किया जा रहा है। पहले चरण में मूर्तियों, प्रवेश द्वार, बाउंड्रीवाल और अन्य सुविधाओं का निर्माण किया गया है। दूसरे चरण में ध्यान केंद्र, कैफेटेरिया, और अन्य पर्यटक सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं।
पर्यटन सुविधाएँ: यहाँ योग और ध्यान केंद्र, कैफेटेरिया, पार्किंग, और सुंदर लैंडस्केपिंग जैसी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।

निषादराज पार्क श्रृंग्वेरपुर में विकास योजनाएँ
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस क्षेत्र को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए कई योजनाएँ बनाई जा रही हैं। परियोजना का कुल बजट लगभग 165 करोड़ है, जिसमें विभिन्न विकास कार्य शामिल हैं।

निषादराज पार्क श्रृंग्वेरपुर का संदेश
श्रृंगवेरपुर धाम को सामाजिक समरसता का प्रतीक माना जाता है। यहाँ पर धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इस प्रकार, निषादराज पार्क श्रृंगवेरपुर न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है।
