खुसरो बाग लूकरगंज प्रयागराज

0
Khusro Bag Prayagraj Allahabad

खुसरो बाग प्रयागराज में कहाँ पर है?

प्रयागराज स्टेशन से 500 मीटर पश्चिम की ओर स्थित है। इस बगीचे का कुल क्षेत्रफल लगभग ढाई लाख वर्ग मीटर है। अकबर के पुत्र सलीम को बाग बगीचों से बहुत ज्यादा लगाव था। 1599 से लेकर 1605 यानी कुल 6 वर्षों के बीच सलीम ने इलाहाबाद में रहते हुए खुसरो बाग का निर्माण करवाया था। 1605 ईस्वी में अकबर की मृत्यु के बाद बेटे सलीम को जहांगीर की उपाधि दी गई और वह मुगल साम्राज्य का सम्राट घोषित हुआ। वर्तमान में इस बगीचे के भीतर कुल 4 मकबरे मौजूद हैं जिन्हें ऐतिहासिक इमारत के रूप में संरक्षित किया गया है। इनके नाम हैं- शाह बेगम का मकबरा, खुसरो का मकबरा, निसार बेगम का मकबरा एवं बीबी तमोलन का मकबरा ।

Khusro Bag Prayagraj

खुसरो बाग में शाह बेगम का मकबरा- 

जहांगीर की पहली पत्नी का नाम मानबाई था जिसे शाह बेगम की उपाधि दी गई थी। राजस्थान में जयपुर के पास स्थित आमेर के राजा भगवंत दास उनके पिता थे। भगवंत दास के बेटे राजा मानसिंह यानि रानी मानबाई के सगे भाई, अकबर के नौ रत्नों में से एक उनके मुख्य सेनापति थे। 1584 ईसवी में उनका विवाह जहांगीर के साथ हुआ और 1587 ईस्वी में उन्होंने खुसरो को जन्म दिया। इलाहाबाद में रहते हुए जहांगीर ने अपने पिता अकबर के खिलाफ विद्रोह कर दिया था इसी विद्रोह से त्रस्त आकर 1603 ईस्वी में अफीम की अत्यधिक मात्रा का सेवन करके रानी मान बाई यानि शाह बेगम ने आत्महत्या कर ली। उनके मृत शरीर को इसी बाग में दफ़न किया गया था।

Khusro Bag Allahabad

खुसरो बाग में खुसरो का मकबरा-

1607 ईस्वी में जब अकबर बुरी तरह बीमार पड़ा तब खुसरो के साथियों ने उसके ससुर मिर्जा अजीज कोका और उनके मामा आमेर के राजा मान सिंह के नेतृत्व में खुसरो को दिल्ली की गद्दी पर बैठाने का भरपूर प्रयास किया लेकिन अकबर ने अपने अंतिम समय में जहांगीर को राजा घोषित किया। जहांगीर के गद्दी पर बैठने के कुछ महीने बाद खुसरो ने विद्रोह कर दिया। जहांगीर ने उसे गिरफ्तार करके अंधा करवा दिया। अपने भाई शाहजहां की देखरेख में बंदी रहते हुए 1622 ईस्वी में उसकी मृत्यु हो गई, उसे खुसरो बाग में ही उनकी मां के मकबरे के ठीक बगल में दफनाया गया। खुसरो का मकबरा उनकी बहन सुल्तान निसार बेगम ने बनवाया था।

खुसरो बाग प्रयागराज

खुसरो बाग में निसार बेगम का मकबरा-

अपने भाई खुसरो की मौत के बाद उनकी बहन निसार बेगम ने खुद अपने लिए एक मकबरे का निर्माण करवाया था। यह मकबरा 1624 से 1625 के बीच बनकर तैयार हुआ।

खुसरो बाग इलाहाबाद

खुसरो बाग में बीबी तमोलन का मकबरा-

इस मकबरे पर किसी भी तरह का लेख न होने से स्पष्ट रूप से कहना मुश्किल है लेकिन एक मान्यता के अनुसार ये मकबरा फतेहपुर सीकरी के इस्तांबुल बेगम से संबंधित है।

history of Khusro Bag Allahabad
history of Khusro Bag Prayagraj

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !