
प्रयागराज के बनखंडी महादेव
प्रयागराज जिले के सैदपुर गाँव में स्थित बनखंडी महादेव मंदिर की कहानी बड़ी ही रोचक और प्राचीन है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसका उल्लेख कई पौराणिक ग्रंथों जैसे पद्म पुराण और शिव पुराण में मिलता है। यहां की धार्मिक ऊर्जा और दिव्यता भक्तों को अपनी ओर खींचती है।

प्रयागराज के बनखंडी महादेव का इतिहास
कहते हैं कि इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि पांडवों के वनवास के दौरान सबसे छोटे भाई सहदेव ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी। उस समय यह क्षेत्र घने जंगलों से घिरा हुआ था, जहां पांडवों ने कुछ समय बिताया और भगवान शिव की पूजा-अर्चना की।

प्रयागराज के बनखंडी महादेव की कहानी
अंग्रेजों के समय में धर्मदास जी महाराज ने इस मंदिर को बचाने के लिए गांव वालों को यमुना नदी के किनारे इकट्ठा करके एक अभियान चलाया। जिसके कारण अंग्रेज इस मंदिर को तोड़ने में कामयाब नहीं हो पाए। उनकी समाधि मंदिर के प्रांगण में ही मौजूद है।

प्रयागराज के बनखंडी महादेव मंदिर का महत्व
बनखंडी महादेव मंदिर का महत्व इस बात में भी है कि यहां स्थापित शिवलिंग केदारनाथ के शिवलिंग जैसा दिखता है। लोग मानते हैं कि यहां पूजा करने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह मंदिर पंचकोशीय परिक्रमा का भी हिस्सा है, जो प्रयागराज के धार्मिक स्थलों में से एक है।

बनखंडी महादेव लोगों की आस्था का केंद्र
हर साल यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, खासकर सावन और महाशिवरात्रि के समय। भक्तगण जलाभिषेक और हवन यज्ञ करते हैं, जिससे मंदिर प्रांगण में एक अद्भुत आध्यात्मिक माहौल बन जाता है।

बनखंडी महादेव मंदिर तक पहुंचने का रास्ता
ये मंदिर प्रयागराज के सदर तहसील में भगवतपुर ब्लॉक के यमुना से कुछ ही दूरी पर सैदपुर गाँव में है। यहाँ पोस्ट करहदा और थाना करेली लगता है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आप प्रयागराज रेलवे स्टेशन से करेली क्षेत्र होते हुए सैदपुर गाँव जा सकते हैं। वहां एक बोर्ड लगा हुआ है जो आपको मंदिर तक पहुंचने में मदद करेगा।

इस प्रकार, बनखंडी महादेव मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह हमारी प्राचीन संस्कृति और इतिहास का भी हिस्सा है। यह स्थान हर उस व्यक्ति के लिए खुला है जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहता है और अपनी मनोकामनाओं को पूरा करना चाहता है।