नवग्रह मंदिर साउथ मलाका प्रयागराज

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Navagraha Temple Prayagraj

प्रयागराज के साउथ मलाका में एक खास जगह है, जिसे नवग्रह मंदिर कहते हैं। इस मंदिर की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है क्योंकि इसे बनने में 14 साल लगे।

Navagraha Temple Prayagraj

 नवग्रहों की दुनिया

यह मंदिर नवग्रहों को समर्पित है—सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, वृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु। शास्त्रों के अनुसार, हर ग्रह का अपना रंग होता है, इसलिए यहां हर ग्रह के लिए अलग-अलग रंग के संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है।

Navagraha Temple Prayagraj

प्रयागराज के नवग्रह मंदिर की खासियत

यह मंदिर पूरी तरह से भूकंपरोधी है और सफेद मकराना संगमरमर से बना है। इसके दरवाजों और खिड़कियों पर रामचरित मानस की पंक्तियाँ उकेरी गई हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाती हैं। यहां भगवान शंकर और वीर हनुमान की विशाल प्रतिमाएँ भी हैं। साथ ही, आप देख सकते हैं कि भगवान विष्णु क्षीर सागर में लेटे हुए हैं, लक्ष्मी उनके चरण दबा रही हैं और शेषनाग उन्हें छाया दे रहे हैं।

Navagraha Temple Prayagraj

नवग्रह मंदिर प्रयाग की धरोहर

इस मंदिर का उद्देश्य न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा देना है, बल्कि इसे ज्योतिष का केंद्र भी बनाना है। यहां ज्योतिषी नए शोध कर सकते हैं और यह स्थान प्रयागराज की धरोहर को आधुनिकता का रंग देने की कोशिश करता है।

Navagraha Temple Prayagraj

नवग्रह मंदिर का उद्घाटन समारोह

मंदिर का उद्घाटन समारोह एक हफ्ते तक चला था, जिसमें श्री खाटूश्याम एवं सालासर बालाजी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। नगर भ्रमण शोभायात्रा और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे।

अगर आप कभी प्रयागराज जाएं, तो इस अद्भुत नवग्रह मंदिर के दर्शन जरूर करें। यह न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि एक अनोखी कहानी भी समेटे हुए है।

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