
श्री वेणी माधव मंदिर प्रयागराज के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और इसे नगर देवता के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर गंगा नदी के किनारे दशाश्वमेध घाट से डेढ़ सौ मीटर अंदर निराला मार्ग- दारागंज रोड पर है जो डेढ़ किलोमीटर आगे नागवासुकी तक जाती है । इस मंदिर में भगवान वेणी माधव अपने चतुर्भुज स्वरूप में विराजमान हैं, जहां वे शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण किए हुए हैं.
धार्मिक महत्व: वेणी माधव मंदिर का माघ मेले से गहरा संबंध है। माघ मास में यहां विशेष स्नान और पूजा का आयोजन होता है, जो भक्तों के लिए अत्यधिक पुण्यदायी माना जाता है। पुराणों के अनुसार, त्रिवेणी स्नान के बाद वेणी माधव के दर्शन करना अनिवार्य बताया गया है.
इतिहास और परंपरा: यह मंदिर प्राचीन काल से ही भक्तों के लिए आस्था का केंद्र रहा है। कहा जाता है कि महाप्रभु चैतन्य ने भी इस मंदिर में आकर भक्ति और संकीर्तन किया था.
मंदिर की संरचना: मंदिर का वास्तुशिल्प आकर्षक है और इसमें श्री राधा-कृष्ण की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं। वर्तमान में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है, जिससे यह और भी आकर्षक और सुविधाजनक बन गया है.
अन्य माधव मंदिर: प्रयागराज में 12 माधव मंदिरों का समूह है, जिसमें श्री वेणी माधव का मंदिर सबसे प्रमुख है। अन्य माधव मंदिरों में शंख माधव, चक्र माधव, गदा माधव आदि शामिल हैं.
श्री वेणी माधव मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहां हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं और भगवान वेणी माधव के दर्शन कर अपने जीवन को धन्य मानते हैं।
