सोमेश्वर महादेव मंदिर अरैल घाट नैनी प्रयागराज

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Someshwar Mahadev Mandir Prayagraj

सोमेश्वर महादेव का कौन से पुराण में वर्णन है?

प्रयागराज के अरैल घाट पर स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास और धार्मिक महत्व बहुत गहरा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना स्वयं चंद्र देव ने की थी जब वे क्षयरोग के श्राप से पीड़ित थे। उन्होंने भगवान शिव की आराधना की और शिवलिंग की स्थापना की, जिससे उन्हें रोग से मुक्ति मिली। यह घटना पद्म पुराण और शिव पुराण में भी मिलता है। 

someshwar mahadev temple prayagraj

सोमेश्वर महादेव मंदिर की विशेषता क्या है?

मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसके शीर्ष पर स्थित त्रिशूल चंद्रमा की दिशा के अनुसार बदलता रहता है। स्थानीय लोग इसे भगवान शिव का चमत्कार मानते हैं। महाशिवरात्रि और श्रावण मास के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। इन दिनों में मंदिर विशेष रूप से सजाया जाता है और भव्य पूजा-अर्चना का आयोजन होता है। 

Someshwar Mahadev Mandir Prayagraj

सोमेश्वर महादेव मंदिर की संरचना क्या है?

मंदिर की वास्तुकला नागर शैली में है, जो इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाती है। यहां भगवान शिव के अलावा हनुमान और गणेश की मूर्तियां भी स्थापित हैं। मंदिर का वातावरण शांति और भक्ति से परिपूर्ण है, जहां भक्त अपनी मानसिक और शारीरिक समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए पूजा करते हैं। 

सोमेश्वर महादेव मंदिर तक कैसे पहुंचे?

सोमेश्वर महादेव मंदिर तक पहुंचना भी आसान है। निकटतम हवाई अड्डा प्रयागराज हवाई अड्डा है, जो लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से टैक्सी, कैब या रिक्शा के माध्यम से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है. मंदिर के आसपास के क्षेत्र में भी कई दर्शनीय स्थल हैं, जैसे गंगा का पवित्र स्नान घाट, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। 

सोमेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन क्यों करें?

इस मंदिर की यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आप कभी प्रयागराज जाएं, तो सोमेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन अवश्य करें और अपने आत्मबल को शिव की उपासना से मजबूत बनाएं।


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