लवकेश्वर नाथ मंदिर लवायन नैनी प्रयागराज

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Lavkeshwar Nath Temple Prayagraj

प्रयागराज के लवकेश्वर नाथ मंदिर की कहानी

प्रयागराज के नैनी इलाके में यमुना नदी के किनारे बसे लवायन गाँव में स्थित लवकेश्वर नाथ मंदिर की कहानी बेहद दिलचस्प है। इस मंदिर का निर्माण 1980 में स्वर्गीय गोकुल प्रसाद सेठ के बेटे चिरौजी लाल ने करवाया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, और यहाँ स्थापित शिवलिंग को "लवकेश्वर नाथ" के नाम से जाना जाता है।

Lavkeshwar Nath Temple Prayagraj

प्रयागराज के लवकेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना

चिरौजी लाल ने इस मंदिर को अपने पिता की स्मृति में बनवाया था। उनके मन में अपने गाँव और आसपास के लोगों के लिए एक धार्मिक स्थल बनाने की इच्छा थी, जहाँ लोग शांति और आस्था के साथ भगवान शिव की पूजा कर सकें। यमुना नदी के किनारे स्थित इस स्थान का प्राकृतिक सौंदर्य और शांति इसे एक आदर्श स्थल बनाते हैं।

Lavkeshwar Nath Temple Prayagraj

प्रयागराज के लवकेश्वर नाथ शिवलिंग

मंदिर का प्रमुख आकर्षण यहाँ स्थापित शिवलिंग है, जिसे "लवकेश्वर नाथ" कहा जाता है। इस नाम के पीछे यह मान्यता है कि यह शिवलिंग भगवान शिव के लव (पुत्र) से जुड़ा हुआ है, जो इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की आस्था का केंद्र है। भक्तों का विश्वास है कि यहाँ पूजा करने से जीवन में शांति और समृद्धि मिलती है।

Lavkeshwar Nath Temple Prayagraj

प्रयागराज के लवकेश्वर नाथ मंदिर का महत्व

मंदिर का वातावरण बहुत ही शांतिपूर्ण है, और यहाँ साल भर श्रद्धालु आते रहते हैं। विशेष रूप से शिवरात्रि और सावन के महीने में यहाँ भक्तों की भीड़ उमड़ती है। लोग यमुना नदी से जल लेकर शिवलिंग पर अभिषेक करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

Lavkeshwar Nath Temple Prayagraj

लवकेश्वर नाथ मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह गाँव के लोगों के लिए एक सामाजिक मिलन स्थल भी बन गया है। चिरौजी लाल द्वारा अपने पिता की स्मृति में बनवाया गया यह मंदिर आज भी श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थल बना हुआ है, जहाँ लोग आकर शांति और भक्ति का अनुभव करते हैं।

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