
प्रयागराज जिले में कुल आठ तहसीलें हैं- करछना, कोरांव, फूलपुर, बारा, मेजा, सदर, सोरांव और हंडिया। जिनका काम है जिले की सीमा के भीतर मौजूद सभी जमीनों का लेखा जोखा रखना और खरीदते-बेचते समय टैक्स वसूल करना। चकबंदी के बाद से किसी खास जमीन का पूरा हिसाब किताब रखना की यह कब किसके नाम थी? कितने बार बिकी? बिकते समय इस जमीन के कितने टुकड़े हुए? मौजूदा समय में हर टुकड़े के नए मालिक कौन-कौन हैं? हर बार कोई जमीन जब बिकी तो सरकार ने उस जमीन से कितना टैक्स वसूला? जमीन कितने में बेची गई? किसी व्यक्ति के नाम पर इस समय जिले के भीतर कितनी जमीनें कहां-कहां पर मौजूद हैं? सबका रिकार्ड इसके पास होता है।
अगर दो लोगों के बीच में जमीन को लेकर कोई विवाद है तो उसका निपटारा तहसीलदार करता है। तहसीलदार के पास अपनी तहसील की जमीन से जुड़े हुए विवादों को निपटाने के लिए काफी पावर होती है। हालांकि अगर मामला बड़ा है या दो तहसीलों के बीच कोई विवाद है तो तहसीलदार एसडीएम को रिपोर्ट करता है। इसके अलावा तहसील के भीतर जमीनों पर क्या-क्या विकास की योजनाएं चल रही हैं इसका भी लेखा-जोखा रखना तहसील का काम है।