सरदार पटेल हॉस्पिटल आलोपी बाग प्रयागराज

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प्रयागराज के सरदार पटेल हॉस्पिटल की कहानी

यह कहानी 2019 के कुंभ मेले के दौरान शुरू होती है, जब प्रयागराज (तत्कालीन इलाहाबाद) में लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर स्नान करने के लिए एकत्रित हुए थे। इस विशाल आयोजन के दौरान, चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, एक अस्थायी अस्पताल की स्थापना की गई। इस अस्थायी अस्पताल ने कुंभ मेले के दौरान और बाद में कोविड-19 महामारी के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रयागराज के सरदार पटेल हॉस्पिटल की स्थापना

कुंभ-2019 के दौरान स्थापित इस अस्थायी अस्पताल की सफलता ने राज्य सरकार को एक स्थायी मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल की स्थापना के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार, सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल की नींव रखी गई। यह अस्पताल प्रयागराज के आलोपी बाग बस स्टैंड के पास, जो संगम क्षेत्र से कुछ किलोमीटर दूर है। अस्पताल का उद्देश्य ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के निवासियों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना था।

प्रयागराज के सरदार पटेल हॉस्पिटल की प्रारंभिक सेवाएं

अस्पताल का औपचारिक उद्घाटन 2021 में उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और फूलपुर सांसद केशरी देवी पटेल द्वारा किया गया। उद्घाटन समारोह के दौरान, मंत्री ने बताया कि यह अस्पताल कुंभ-2019 के दौरान स्थापित किया गया था और इसे स्थायी बनाने का विचार तभी से था। उद्घाटन के समय, अस्पताल में 100 बिस्तरों की सुविधा थी और इसमें एक ऑक्सीजन प्लांट भी था, जो इसे विशेष बनाता था।

सरदार पटेल हॉस्पिटल का कोविड-19 महामारी के दौरान भूमिका

कोविड-19 महामारी के दौरान, सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट होने के कारण, यह ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीजों के लिए एक वरदान साबित हुआ। अस्पताल में प्रत्येक बिस्तर के लिए ऑक्सीजन पाइप कनेक्शन दिया गया था, जिससे आपात स्थिति में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं होती थी।

प्रयागराज के सरदार पटेल हॉस्पिटल का विस्तार और विकास

अस्पताल के उद्घाटन के बाद, इसे पूरी तरह से कार्यात्मक बनाने के लिए कई कदम उठाए गए। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अस्पताल का निरीक्षण किया और अधिकारियों को इसे जल्द से जल्द पूरी तरह से कार्यात्मक बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने सरकार की पूर्ण समर्थन का आश्वासन भी दिया। वर्तमान में, अस्पताल में 16 डॉक्टर और 15 पैरामेडिकल स्टाफ तैनात हैं, जिनमें 9 विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हैं। अस्पताल में इन-हाउस एक्स-रे और पैथोलॉजी सेवाएं भी उपलब्ध हैं।

प्रयागराज के सरदार पटेल हॉस्पिटल की विशेषताएं

सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

मल्टी-स्पेशलिटी सेवाएं: अस्पताल में सामान्य चिकित्सा, नेत्र विज्ञान, हड्डी रोग, स्त्री रोग, रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी जैसी सेवाएं उपलब्ध हैं।

ऑक्सीजन प्लांट: अस्पताल में अपना ऑक्सीजन प्लांट है, जिससे आपात स्थिति में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित होती है।

ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वरदान: अस्पताल का स्थान ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के निवासियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।

प्रयागराज के सरदार पटेल हॉस्पिटल के भविष्य की योजनाएं

अस्पताल के अधिकारियों का मानना है कि यह नई सुविधा प्रयागराज के प्रमुख सरकारी अस्पतालों जैसे स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल, तेज बहादुर सप्रू (बेली) अस्पताल और मोतीलाल नेहरू (कॉल्विन) मंडलीय अस्पताल पर से कुछ भार को कम करेगी। अस्पताल के भविष्य की योजनाओं में और अधिक डॉक्टरों और स्टाफ की नियुक्ति, नई चिकित्सा सुविधाओं का समावेश और अस्पताल की सेवाओं का विस्तार शामिल है।

 निष्कर्ष

सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल का इतिहास न केवल चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय समाज के विकास और परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। इस कहानी के माध्यम से, हम न केवल इस अस्पताल के विकास को समझ सकते हैं, बल्कि भारतीय समाज के विकास और परिवर्तन को भी महसूस कर सकते हैं। यह अस्पताल न केवल एक चिकित्सा संस्थान है, बल्कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के निवासियों के लिए एक वरदान भी है।

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