
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विज्ञान विभाग का इतिहास
इलाहाबाद विश्वविद्यालय भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है, जिसकी स्थापना 23 सितंबर 1887 को हुई थी। इसके विज्ञान संकाय में कई महत्वपूर्ण विभाग हैं, जैसे गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जूलॉजी और बॉटनी ।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का गणित विभाग
गणित विभाग की शुरुआत 1872 में हुई थी। यह भारत के सबसे पुराने गणित विभागों में से एक है और म्योर सेंट्रल कॉलेज परिसर में स्थित है। यहाँ पर स्नातक (बीए/बीएससी), स्नातकोत्तर (एमए/एमएससी), और पीएचडी की पढ़ाई होती है। बीजगणित, तरल यांत्रिकी, और गणितीय पारिस्थितिकी जैसे विषयों में पढ़ाई कराई जाती है। इस विभाग से ए. सी. बनर्जी, पी. एल. श्रीवास्तव (पद्मभूषण), बी. एन. प्रसाद, और गोरख प्रसाद जैसे महान गणितज्ञ निकले हैं।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का भौतिक विज्ञान विभाग
भौतिक विज्ञान विभाग 1922 में शुरू हुआ था। यह विभाग भौतिकी के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण काम कर चुका है। यहाँ पर स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर भौतिकी की पढ़ाई होती है। शोध कार्य के लिए भी यह एक प्रमुख केंद्र है। प्रोफेसर मेघनाद साहा और प्रोफेसर के. एस. कृष्णन जैसे प्रसिद्ध वैज्ञानिक इस विभाग से जुड़े रहे हैं।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का रसायन विज्ञान विभाग
रसायन विज्ञान विभाग भी 1922 में शुरू हुआ था जब विश्वविद्यालय को एक शिक्षण और आवासीय विश्वविद्यालय के रूप में पुनर्गठित किया गया था। यहाँ पर स्नातक, स्नातकोत्तर, और पीएचडी की पढ़ाई होती है। रसायन विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान भी किया जाता है।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का जन्तु (जूलॉजी) विज्ञान विभाग
जन्तु विज्ञान विभाग की स्थापना 1906 में प्रोफेसर होमरशम कॉक्स और प्रोफेसर एफ. एम. हॉवलेट द्वारा की गई थी। यह विभाग शुरू में म्योर सेंट्रल कॉलेज में स्थापित किया गया था और 1910 में अपने वर्तमान भवन में स्थानांतरित हुआ। यहाँ पर स्नातक (बीएससी), स्नातकोत्तर (एमएससी), और पीएचडी स्तर की पढ़ाई होती है। विषयों में जंतु विज्ञान (जूलॉजी) और वनस्पति विज्ञान (बॉटनी) शामिल हैं। इस विभाग से कई प्रसिद्ध वैज्ञानिक निकले हैं, जैसे प्रोफेसर डी. आर. भट्टाचार्य, जिन्होंने साइटोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके अलावा, प्रोफेसर ए. डी. इम्स और डॉ. डब्ल्यू. एन. एफ. वुडलैंड जैसे विद्वान भी इस विभाग से जुड़े रहे हैं।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का वनस्पति (बॉटनी) विज्ञान विभाग
वनस्पति विज्ञान विभाग की स्थापना 1923 में की गई थी। यह विभाग अपनी बहुआयामी विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है और इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। यह विभाग भारत के सबसे पुराने वनस्पति विज्ञान विभागों में से एक है। विभाग में स्नातक (बीएससी), स्नातकोत्तर (एमएससी), और पीएचडी स्तर की पढ़ाई होती है। मुख्य पाठ्यक्रमों में वनस्पति विज्ञान, कृषि वनस्पति विज्ञान, और पर्यावरण विज्ञान शामिल हैं। बॉटनी में MSc दो साल का कोर्स है जिसमें 77 छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। इस विभाग से कई प्रसिद्ध विद्वान निकले हैं जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है। विभाग ने पेलियोबॉटनी, माइक्रोबायोलॉजी, प्लांट फिजियोलॉजी, प्लांट टैक्सोनॉमी, प्लांट बायोडायवर्सिटी, इकोलॉजी और साइटोजेनेटिक्स जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान किया है। इनमें प्रोफेसर जमुना शरण सिंह, जो एक प्रतिष्ठित पारिस्थितिकीविद् जैसे लोग शामिल हैं।

इन सभी विभागों ने शिक्षा और अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने देश को कई महान वैज्ञानिक और गणितज्ञ दिए हैं जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है।