इलाहाबाद संग्रहालय जार्ज टाउन प्रयागराज

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prayagraj museum

प्रयागराज के चंद्रशेखर आजाद पार्क में एक खास जगह है - इलाहाबाद संग्रहालय। इसकी कहानी इतिहास, कला और संस्कृति से भरी हुई है, जो सुनने में बहुत दिलचस्प है।

इलाहाबाद संग्रहालय का कैसे शुरू हुआ सफर?

संग्रहालय की शुरुआत 1863 में हुई थी, लेकिन कुछ कारणों से इसे 1881 में बंद कर दिया गया। फिर, पंडित जवाहरलाल नेहरू और मदन मोहन मालवीय जैसे बड़े नेताओं ने इसे दोबारा शुरू करने की पहल की। आखिरकार, 1931 में यह फिर से खुला और 1954 में नया भवन बनकर तैयार हुआ।

prayagraj museum gate

क्या-क्या है यहां देखने लायक?

यहां कई अनोखी चीजें हैं जो आपको इतिहास की सैर कराती हैं:

prayagraj museum azad pistal

चंद्रशेखर आजाद की पिस्तौल: यह वही पिस्तौल है जिससे आजाद ने खुद को शहीद किया था। इसे देखकर हर कोई उनके साहस को सलाम करता है।

Gandhi Smriti vahan Allahabad museum

गांधी स्मृति वाहन: यह वही वाहन है जिसमें महात्मा गांधी की अस्थियां संगम तक ले जाई गई थीं। यह गाड़ी गांधी जी के जीवन की झलक दिखाती है।

Allahabad museum

महात्मा गांधी और नेहरू गैलरी: यहां गांधी जी की दुर्लभ तस्वीरें और नेहरू जी के हस्तलिखित दस्तावेज हैं, जो उनके जीवन के अनछुए पहलुओं को सामने लाते हैं।

prayagraj museum

कलाकृतियां: यहां बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट की पेंटिंग्स और प्राचीन भारतीय मूर्तियां हैं, जो कला प्रेमियों को खूब भाती हैं।

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कब और कैसे आएं?

संग्रहालय मंगलवार से रविवार तक सुबह 10 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुला रहता है। सोमवार को यह बंद रहता है। यहां पहुंचना बहुत आसान है - बस या ट्रेन से सीधे प्रयागराज आ सकते हैं।

यह संग्रहालय न सिर्फ इतिहास के दीवानों के लिए बल्कि उन सभी के लिए एक खजाना है जो भारत की समृद्ध संस्कृति को करीब से देखना चाहते हैं। यहां आकर ऐसा लगता है जैसे आप समय में पीछे चले गए हों, जहां हर चीज़ एक नई कहानी सुनाती है। यह जगह सचमुच देखने लायक है!

prayagraj museum
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