
पाटलेश्वर झरना कहाँ है?-
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के करछना तहसील के कौंधियारा ब्लॉक में स्थित है। यह झरना देवरा ग्राम सभा के शिवपुरी गांव में टोंस नदी, जिसे तमसा नदी भी कहा जाता है, के किनारे मौजूद है।

टोंस (तमसा) नदी कहाँ से निकलती है-
टोंस नदी का उद्गम उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी जिले में बंदरपूंछ पर्वत के उत्तरी ढाल पर स्वर्गारोहिनी ग्लेशियर से होता है। यह सूपिन और रूपी नदियों के मिलने से बनती है। यह नदी लगभग 265 किलोमीटर लंबी है और हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड की सीमा पर बहती है। अंततः यह मध्यप्रदेश से होकर उत्तर प्रदेश में प्रयागराज में आकार गंगा नदी में मिल जाती है।

टोंस (तमसा) नदी का पौराणिक महत्व-
टोंस नदी का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में मिलता है, जहां इसे भंवरों वाली गहरी नदी कहा गया है। यह माना जाता है कि रामायण काल में श्रीराम, लक्ष्मण और सीता ने इस नदी के किनारे विश्राम किया था।

पाटलेश्वर झरने का महत्व-
पाटलेश्वर झरना एक प्राकृतिक जलप्रपात है जो अपने सुंदर दृश्य और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह स्थान स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है, जो प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण का आनंद लेने यहां आते हैं। झरने का नाम 'पाटलेश्वर' भगवान शिव से संबंधित धार्मिक मान्यताओं को दर्शाता है, जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है।