
प्रयागराज के दारागंज इलाके में गंगा नदी के किनारे दशाश्वमेध घाट पर एक बहुत ही खास मंदिर है, जिसका नाम है आदि श्री ओमकार गणपति मंदिर। इस मंदिर की कहानी बड़ी दिलचस्प है और इसे सुनकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है।
बहुत समय पहले, जब इस जगह पर घना जंगल हुआ करता था, तब लोगों ने देखा कि एक पत्थर के टुकड़े पर गणेश जी की आकृति उभर आई है। यह आकृति इतनी साफ और सुंदर थी कि लोगों ने इसे भगवान का चमत्कार मान लिया। धीरे-धीरे, इस जगह की ख्याति दूर-दूर तक फैल गई और लोग यहां दर्शन करने आने लगे।

इस मंदिर की खास बात यह है कि गणेश जी की प्रतिमा को 'स्वयंभू' माना जाता है, यानी यह प्राकृतिक रूप से उभरी हुई है। कहते हैं कि यह प्रतिमा कई सालों तक गंगा के पानी में डूबी रही, लेकिन फिर भी इसका कोई नुकसान नहीं हुआ। यह देखकर लोगों की आस्था और भी बढ़ गई।
हर साल यहां बड़े धूमधाम से गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। उस समय मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। लोग दूर-दूर से अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और मानते हैं कि यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।
मंदिर का माहौल बहुत ही शांत और आध्यात्मिक होता है। यहां आने वाले हर व्यक्ति को एक अलग ही सुकून मिलता है। अगर कभी आप प्रयागराज जाएं, तो इस अद्भुत मंदिर के दर्शन जरूर करें। यह न सिर्फ आस्था का केंद्र है, बल्कि हमारे इतिहास और संस्कृति का भी एक अनमोल हिस्सा है।