
प्रयागराज का भारद्वाज आश्रम
जार्ज टाउन प्रयागराज के कर्नलगंज में अयोध्या रोड पर बालसन चौराहे पर एक बहुत ही प्राचीन और पौराणिक जगह है, जिसे भारद्वाज आश्रम कहते हैं। महर्षि भारद्वाज वेदों के महान ज्ञाता थे। उन्होंने जंगलों में रहने वाले स्थानीय जनजातियों के बच्चों को शिक्षित करने के लिए इस गुरुकुल का निर्माण किया था। यहां बच्चे वेद, आयुर्वेद, धनुर्वेद और विमान शास्त्र जैसी विधाओं की शिक्षा लेते थे। यह आश्रम ज्ञान का एक बड़ा केंद्र था। एक दिन श्रीराम, सीता और लक्ष्मण अपने वनवास के दौरान इस आश्रम में आए। महर्षि भारद्वाज ने उनका स्वागत किया और उन्हें चित्रकूट जाने का रास्ता बताया। इस घटना ने इस जगह को और भी महत्वपूर्ण बना दिया।

भारद्वाज आश्रम का पौराणिक महत्व
सरस्वती नदी पर गहन शोध करने वाले लोगों का ऐसा मानना है कि किसी जमाने में सरस्वती नदी इसी भारद्वाज आश्रम के करीब से बहती थी। जो इसे और भी खूबसूरत बनाता था। यहां तरह-तरह के फूल खिलते थे और पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देती थी। यह जगह इतनी शांत और सुंदर थी कि यहां आकर हर कोई सुकून महसूस करता था।लेकिन बीतते हुए समय के साथ जैसे-जैसे सरस्वती नदी में किन्ही प्राकृतिक कारणों से पानी का आना बंद हुआ वैसे-वैसे यह नदी सूखती गई और उसकी जमीन पर इंसानों ने बस्तियां बसा ली।

भारद्वाज आश्रम प्रयागराज में कहाँ पर है?
बालसन चौराहे पर स्थित भारद्वाज पार्क का नवीनीकरण कुछ साल पहले किया गया था। इसके बाद यहां महर्षि भारद्वाज की 32 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई, जिसका उद्घाटन 2019 में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने किया था। गंगा-यमुना के संगम से इसकी दूरी सिर्फ 5 किलोमीटर है। यह प्रतिमा इंदौर के प्रसिद्ध कलाकार महेंद्र कोडवानी द्वारा बनाई गई है और जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहाँ आते हैं। महर्षि भारद्वाज की विशाल प्रतिमा पार्क का मुख्य आकर्षण है। यह प्रतिमा कांस्य रंग में रंगी गई है और इसका आधार स्टील से बना है।

भारद्वाज आश्रम का आज का महत्व
पार्क सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है और इस दौरान यहां लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। लोग यहां आकर प्रतिमा के साथ सेल्फी लेते हैं और सोशल मीडिया पर साझा करते हैं। महर्षि भारद्वाज को प्रयागराज का प्रथम नागरिक माना जाता है, जिन्होंने इस नगरी को बसाया था। उनके नाम पर ही यह पार्क स्थापित किया गया है।

भारद्वाज आश्रम एक ऐतिहासिक धरोहर
आज भी भारद्वाज आश्रम में धार्मिक अनुष्ठान होते रहते हैं। यहां एक खास शिवलिंग है, जिसे भारद्वाजेश्वर शिवलिंग कहते हैं। लोग दूर-दूर से यहां दर्शन करने आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करते हैं। अगर आप कभी प्रयागराज आएं, तो भारद्वाज आश्रम जरूर जाएं। यह न सिर्फ एक धार्मिक स्थल है, बल्कि हमारे इतिहास और संस्कृति की अमूल्य धरोहर भी है। यहां आकर आपको एक अलग ही शांति और सुकून का अनुभव होगा।


