भीष्म पितामह मंदिर दारागंज प्रयागराज

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Bhishma Pitamah Temple Prayagraj

प्रयागराज में भीष्म पितामह का मंदिर

प्रयागराज के दारागंज इलाके में एक बहुत ही अनोखा मंदिर है, जिसे भीष्म पितामह का मंदिर कहा जाता है। यह मंदिर नागवासुकी मंदिर के प्रांगण में स्थित है और इसकी कहानी बड़ी दिलचस्प है। कहते हैं कि एक बार एक वृद्धा महिला, जो रोज़ गंगा स्नान के लिए आती थी, ने हाई कोर्ट के वकील जेआर भट्ट से कहा कि वह गंगा पुत्र की पूजा करना चाहती है। इस बात से प्रेरित होकर भट्ट ने 1961 में इस मंदिर का निर्माण करवाया। 

Bhishma Pitamah Temple Prayagraj

प्रयागराज में भीष्म पितामह के मंदिर का महत्व

यहां भीष्म पितामह की 12 फीट लंबी प्रतिमा स्थापित है, जो उन्हें तीरों की शय्या पर लेटे हुए दिखाती है। यह दृश्य महाभारत के उस प्रसंग को दर्शाता है जब अर्जुन ने उन्हें बाणों की शय्या पर लिटाया था। भीष्म पितामह को इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था, इसलिए वे अपनी मृत्यु का समय स्वयं चुन सकते थे।

Bhishma Pitamah Temple Prayagraj

प्रयागराज में भीष्म पितामह मंदिर की आस्था

मंदिर का माहौल बेहद शांत और आध्यात्मिक है, क्योंकि यह गंगा नदी के किनारे स्थित है। लोग यहां आकर पुष्प अर्पित करते हैं और भीष्म पितामह से अपने परिवार की लंबी उम्र की कामना करते हैं। खासकर दीपावली और पितृपक्ष में यहां विशेष श्रद्धालु आते हैं और दीपदान करते हैं। अगर आप कभी प्रयागराज जाएं, तो इस अद्भुत मंदिर के दर्शन जरूर करें। यह न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि भारतीय इतिहास और संस्कृति की भी झलक पेश करता है।

Bhishma Pitamah Temple Nagvasuki Daraganj Prayagraj

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