
बैद्यनाथ मिश्रा एक प्रसिद्ध भारतीय अर्थशास्त्री, शिक्षक, लेखक और प्रशासक थे,
जिनका जन्म 22 नवंबर 1920 को ओडिशा में हुआ था। वे ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ
एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के कुलपति रहे और ओडिशा राज्य योजना बोर्ड के
उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। उन्होंने कई महत्वपूर्ण संस्थानों की
स्थापना की और ओडिया साहित्य में भी योगदान दिया।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
बैद्यनाथ मिश्रा का जन्म ओडिशा के खोरधा में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक
शिक्षा रेवेनशॉ विश्वविद्यालय से की, जहाँ से उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातक की
डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 1948 में
अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की। वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कला संकाय
और अर्थशास्त्र विभाग के पहले ओडिया टॉपर थे। उन्हें सरोजिनी नायडू द्वारा दो
स्वर्ण पदक भी प्रदान किए गए थे। इसके बाद उन्होंने फुलब्राइट स्कॉलरशिप पर
पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से अर्थशास्त्र में दूसरी मास्टर
डिग्री प्राप्त की।
करियर
बैद्यनाथ मिश्रा ने अपने करियर की शुरुआत रेवेनशॉ कॉलेज में लेक्चरर के रूप में
की और फिर उत्कल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बने। वे ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ
एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के कुलपति भी रहे, जहाँ उन्होंने कई कॉलेजों की
स्थापना की। 1987 में उन्होंने नबकृष्ण चौधरी सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज की
स्थापना की। वे भारत सरकार के योजना आयोग और ओडिशा वेतन आयोग के सदस्य भी रहे।
पुरस्कार और सम्मान
उन्हें 2012 में KIIT विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट मिली। उन्हें 1996 में
ओडिशा साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके योगदान को याद करते
हुए उड़ीसा इकोनॉमिक्स एसोसिएशन ने उनके नाम पर वार्षिक व्याख्यान और सर्वश्रेष्ठ
पेपर पुरस्कार शुरू किया।
प्रयागराज से संबंध
प्रयागराज (इलाहाबाद) से बैद्यनाथ मिश्रा का गहरा संबंध था क्योंकि उन्होंने यहाँ
के इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की थी।
प्रयागराज ने उनके शैक्षिक जीवन को आकार दिया और उनके करियर की नींव रखी, जिससे
वे एक सफल अर्थशास्त्री बने। उनका यह संबंध उनके जीवन और कार्यों पर स्थायी
प्रभाव डालने वाला साबित हुआ।