
प्रयागराज के शंकरगढ़ में स्थित राज भवन, जिसे स्थानीय लोग राजा की कोठी के नाम से भी जानते हैं, एक ऐतिहासिक स्थल है जो बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। यह स्थान ब्रिटिश राज के दौरान "कसौटा शंकरगढ़ बारा राज्य" के रूप में जाना जाता था और यहां के प्रमुख शासकों में राजा कमलाकर सिंह का नाम सबसे प्रमुख है। उन्होंने क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राजा कमलाकर इंटर कॉलेज की स्थापना की थी, जो आज भी एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान है। शंकर की स्थापना की थी राजा कंधर देव ने जिससे कसौटा खानदान आगे बढ़ा। इनके पिता थे गुजरात के महाराजा व्याघ्रदेव जिनके ये पाँचवे बेटे थे। इनके बेटे थे अर्जुन देव । आज की तारीख में त्रियम्बकेश्वर प्रताप सिंह (भवर) यहाँ के वंशज हैं।
शंकरगढ़ प्रयागराज से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यहां तक पहुंचने के लिए ट्रेन सबसे सुविधाजनक साधन है। प्रयागराज जंक्शन से शंकरगढ़ के लिए कई ट्रेनें उपलब्ध हैं, जिनमें से कुछ दैनिक और कुछ साप्ताहिक चलती हैं। ट्रेन से यात्रा का समय लगभग 33 मिनट से 1 घंटे के बीच होता है, जो इसे एक त्वरित और किफायती यात्रा विकल्प बनाता है।
शंकरगढ़ के आसपास कई दर्शनीय स्थल हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। गढ़वा किला, जो शंकरगढ़ से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, गुप्त काल के अवशेषों के लिए प्रसिद्ध है और इतिहास प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल है। इसके अलावा, राम मंदिर, हनुमान मंदिर, और शिव मंदिर जैसे धार्मिक स्थल भी यहां के मुख्य आकर्षण हैं, जहां पर्यटक आध्यात्मिक शांति का अनुभव कर सकते हैं।
शंकरगढ़ का राज भवन और इसके आसपास के स्थल न केवल इतिहास और संस्कृति में रुचि रखने वाले लोगों के लिए आकर्षक हैं, बल्कि यह क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए भी जाना जाता है। यहां की यात्रा आपको भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय से रूबरू कराती है और आपको उस समय की शाही भव्यता का अनुभव कराती है।




