प्रेम चंद पांडे एक प्रतिष्ठित भारतीय वैज्ञानिक और शिक्षाविद हैं, जो सुदूर संवेदन, उपग्रह महासागरीय विज्ञान, वायुमंडलीय विज्ञान, अंटार्कटिक और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं। वे राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र (NCPOR) के संस्थापक निदेशक रहे हैं। उनका जन्म 10 अगस्त 1945 को रामापुर, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
शिक्षा और करियर
प्रेम चंद पांडे ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स और विज्ञान में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 1972 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से माइक्रोवेव्स पर डी.फिल. की उपाधि प्राप्त की। अपने करियर की शुरुआत में, उन्होंने डीएवी डिग्री कॉलेज, आजमगढ़ में व्याख्याता के रूप में कार्य किया। बाद में, उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग में अनुसंधान फेलो के रूप में काम किया। 1977 में, वे इसरो के स्पेस एप्लीकेशंस सेंटर, अहमदाबाद में वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए और वहां 20 वर्षों तक कार्य किया।
प्रेम चंद पांडे ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान परियोजनाओं का नेतृत्व किया और कई वैज्ञानिक पत्रिकाओं में संपादकीय भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में के. बनर्जी सेंटर ऑफ एटमॉस्फेरिक एंड ओशन स्टडीज की स्थापना हुई, जो अब एक प्रमुख शैक्षणिक केंद्र है।
प्रयागराज से संबंध
प्रेम चंद पांडे का प्रयागराज से गहरा संबंध है, क्योंकि उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त की और वहीं से डी.फिल. की उपाधि अर्जित की। प्रयागराज में उनके शैक्षिक और अनुसंधान कार्यों ने उनके करियर की नींव रखी और उन्हें एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक के रूप में स्थापित किया। उनके योगदान ने प्रयागराज को विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने में मदद की है।