
प्रयागराज के कल्याणी देवी मंदिर का महत्व
प्रयागराज के कल्याणी देवी मोहल्ले में स्थित कल्याणी देवी मंदिर एक प्राचीन और पवित्र स्थल है, जो देवी पार्वती के एक रूप, देवी कल्याणी को समर्पित है। इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है और इसे शक्तिपीठों में गिना जाता है। कहा जाता है कि त्रेतायुग में महर्षि याज्ञवल्क्य ने यहां साधना की थी और उन्होंने 32 अंगुल की मां कल्याणी की प्रतिमा स्थापित की थी। यह प्रतिमा सैकड़ों साल पुरानी है और इसे अष्टधातु से निर्मित बताया जाता है।

प्रयागराज के कल्याणी देवी मंदिर का इतिहास
मंदिर का जीर्णोद्धार 1892 में चौधरी महादेव प्रसाद ने कराया था। यहां देवी कल्याणी के साथ शिव-पार्वती, मां छिन्नमस्तिका, ब्रह्मा जी, भगवान गणेश और हनुमान जी भी विराजमान हैं। यह मंदिर अपनी दिव्यता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहां मान्यता है कि सच्चे दिल से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है।

प्रयागराज के कल्याणी देवी मंदिर की आस्था
कल्याणी देवी मंदिर साल भर श्रद्धालुओं से भरा रहता है, लेकिन नवरात्रि के समय यहां विशेष भीड़ होती है। इस दौरान यहां शतचंडी यज्ञ और भव्य श्रृंगार किया जाता है। नव विवाहित जोड़े शादी के बाद यहां दर्शन करने आते हैं, क्योंकि माना जाता है कि इससे उनके जीवन की नई शुरुआत सुखदायी होती है।
प्रयागराज के कल्याणी देवी मंदिर तक कैसे पहुंचे?
प्रयागराज रेलवे स्टेशन से यह मंदिर लगभग 3 किलोमीटर दूर है और आप टैक्सी, ऑटो या रिक्शा से आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। प्रयागराज बस अड्डे से भी इसी तरह के साधनों का उपयोग करके मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। संगम क्षेत्र से यह मंदिर लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
प्रयागराज का कल्याणी देवी मंदिर एक धरोहर
मंदिर परिसर में एक मनोकामना कुंड भी है, जहां भक्त अपनी इच्छाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं। यहां मुंडन, कर्ण छेदन जैसे धार्मिक संस्कार भी होते हैं। इस मंदिर की यात्रा न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक अनुभव के रूप में भी अद्वितीय होती है, जो हर आगंतुक को अपनी ओर आकर्षित करती है।