
प्रयागराज का कंपनी गार्डन ( चंद्रशेखर आजाद पार्क )
कंपनी गार्डन, जिसे चंद्रशेखर आजाद पार्क के नाम से भी जाना जाता है, प्रयागराज का एक प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है। यह पार्क न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके भीतर स्थित ऐतिहासिक स्मारकों और संरचनाओं के लिए भी प्रसिद्ध है।

कंपनी गार्डन का इतिहास और स्थापना
कंपनी गार्डन का निर्माण अंग्रेजों द्वारा 1870 में किया गया था। इसे मूल रूप से अल्फ्रेड पार्क के नाम से जाना जाता था, जिसका नाम इंग्लैंड के प्रिंस अल्फ्रेड ड्यूक ऑफ एडिनबरा के सम्मान में रखा गया था। यह पार्क सम्दाबाद और छीतपुर गांवों की भूमि पर बनाया गया था, जिन्हें 1857 के विद्रोह के दौरान अंग्रेजों ने तबाह कर दिया था।

कंपनी गार्डन में क्या-क्या है?
विक्टोरिया मेमोरियल: यह स्मारक महारानी विक्टोरिया को समर्पित है और सफेद संगमरमर से बना हुआ है। इसे ब्रिटिश शासनकाल के दौरान बनाया गया था।

मदन मोहन मालवीय स्टेडियम: यह स्टेडियम कंपनी गार्डन के भीतर स्थित है और खेल गतिविधियों के लिए उपयोग किया जाता है।

पब्लिक लाइब्रेरी: 1864 में स्थापित इस लाइब्रेरी में दुर्लभ पुस्तकों का संग्रह है। इसे म्यो थार्नहिल मेमोरियल के नाम से भी जाना जाता है।

इलाहाबाद म्यूजियम: 1931 में स्थापित इस संग्रहालय में ऐतिहासिक कलाकृतियों का संग्रह है और यह स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है।

चंद्रशेखर शहीद स्मारक: यह स्मारक महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की शहादत को समर्पित है, जिन्होंने 1931 में यहां अपनी अंतिम लड़ाई लड़ी थी।

कंपनी गार्डन पार्क की संरचना
पार्क चारों ओर से मुख्य सड़कों से घिरा हुआ है और इसमें कई प्रवेश द्वार हैं। यह पार्क पूरे सप्ताह खुला रहता है और सुबह से शाम तक जनता के लिए उपलब्ध होता है। प्रवेश शुल्क सामान्यतः 5 रुपये होता है, हालांकि कुछ विशेष अवसरों पर मुफ्त प्रवेश की व्यवस्था होती है।

कंपनी गार्डन में खेल सुविधाएं
पार्क में लॉन टेनिस और वॉलीबॉल कोर्ट जैसी खेल सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जो स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।

कंपनी गार्डन तक कैसे पहुंचे?
प्रयागराज संगम से कंपनी गार्डन तक पहुंचने के लिए आप स्थानीय परिवहन का उपयोग कर सकते हैं। यह पार्क शहर के केंद्र में स्थित होने के कारण आसानी से सुलभ है। इस प्रकार, कंपनी गार्डन न केवल एक पर्यटन स्थल है बल्कि यह प्रयागराज की ऐतिहासिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है, जो हर आगंतुक को अपनी ओर आकर्षित करता है।