
स्वामीनारायण मंदिर जो प्रयागराज के टैगोर टाउन में के. पी. कॉलेज के सामने है का संबंध श्री नर नारायण देव पीठ स्थान की शाखा से है। श्री नर नारायण देव पीठ स्वामीनारायण संप्रदाय की दो प्रमुख गद्दियों में से एक है। इसे नर नारायण देव गद्दी के नाम से भी जाना जाता है। इस गद्दी का मुख्यालय अहमदाबाद में स्थित स्वामीनारायण मंदिर में है और यह उत्तर विभाग (उत्तर भारत) के अनुयायियों का नेतृत्व करती है।
स्थापना और इतिहास:
स्वामीनारायण संप्रदाय की स्थापना 1826 में वड़ताल में हुई थी, जब स्वामीनारायण ने अपने दो दत्तक पुत्रों, अयोध्याप्रसाद पांडे और रघुवीर पांडे को दो गद्दियों का आचार्य नियुक्त किया। अयोध्याप्रसाद पांडे को नर नारायण देव गद्दी का आचार्य बनाया गया, जिसका मुख्यालय अहमदाबाद में है।
आध्यात्मिक और प्रशासनिक भूमिका:
नर नारायण देव गद्दी के आचार्य को धार्मिक और प्रशासनिक मामलों में सर्वोच्च माना जाता है। वे अनुयायियों को दीक्षा देते हैं, मंदिरों में मूर्ति प्रतिष्ठा करते हैं और संप्रदाय के ग्रंथों की प्रामाणिकता की पुष्टि करते हैं।
संप्रदाय की संरचना:
नर नारायण देव गद्दी के आचार्य अनुयायियों को धार्मिक नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करते हैं, जिसमें अहिंसा, शाकाहार और सत्यनिष्ठा शामिल हैं। आचार्य के निर्देशों का पालन करना अनुयायियों के लिए अनिवार्य माना जाता है।
सांस्कृतिक और सामाजिक योगदान:
स्वामीनारायण संप्रदाय के अंतर्गत नर नारायण देव गद्दी सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी सक्रिय है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आपदा राहत जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
यह गद्दी स्वामीनारायण संप्रदाय के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है, जो उन्हें धार्मिक शिक्षा और सामाजिक सेवा के माध्यम से जीवन में संतुलन और समृद्धि प्राप्त करने में सहायता करता है।






