
प्रयागराज के शिवकुटी इलाके में स्थित शिव कचहरी महादेव मंदिर एक अद्वितीय धार्मिक स्थल है, जिसका इतिहास लगभग 150 साल पुराना है। इस मंदिर की स्थापना नेपाल के राणा जनरल पद्मजंग बहादुर ने 1886 में की थी। मंदिर की खासियत यह है कि यहां 286 से अधिक शिवलिंग स्थापित हैं, जिनमें से प्रत्येक नेपाल के राजपरिवार के सदस्यों के नाम पर है।
मंदिर की बनावट बाहर से देखने पर किसी अदालत जैसी लगती है, इसलिए इसे "शिव कचहरी" कहा जाता है। यहां भक्त अपनी गलतियों के लिए भगवान शिव से क्षमा मांगते हैं, और माना जाता है कि भोलेनाथ उनकी प्रार्थनाएं सुनते हैं और उन्हें माफ कर देते हैं।
मंदिर का मुख्य आकर्षण सावन माह और महाशिवरात्रि के दौरान होता है, जब भक्त बड़ी संख्या में शिवलिंगों का जलाभिषेक करने आते हैं। इस दौरान मंदिर सुबह 4 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है। बाकी समय में यह सुबह 6 बजे खुलता है।
शिव कचहरी महादेव मंदिर गंगा नदी के किनारे स्थित है, और यहां पहुंचने के लिए प्रयागराज शहर से स्थानीय परिवहन का उपयोग किया जा सकता है। भक्त गंगा स्नान करके मंदिर में आते हैं और भगवान शिव का अभिषेक करते हैं, जिससे उन्हें आत्मिक शांति और पवित्रता का अनुभव होता है।

