
मेजा खास, प्रयागराज से 67 किलोमीटर दूर है। यही पर है माँ मांडवी देवी धाम, जो एक पौराणिक और धार्मिक स्थल है। यह धाम मांडव्य पुराण में वर्णित है और इसे 108 सिद्धपीठों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि जब कंस ने योगमाया को आकाश की ओर उछाला, तो उनके शरीर के 108 अंग विभिन्न स्थानों पर गिरे, जिनमें से एक स्थान माँ मांडवी देवी धाम है, जहां योगमाया के दोनों स्तन गिरे थे। इस कारण, यह स्थान अत्यंत पवित्र माना जाता है और यहां भक्तगण नियमित रूप से पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।
माँ मांडवी देवी धाम का धार्मिक महत्व अत्यधिक है और यहां हर सोमवार और विशेष रूप से कार्तिक मास के दो सोमवार को विशाल मेला आयोजित होता है। इस मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और माँ मांडवी की पूजा-अर्चना करते हैं। धाम का वातावरण भक्तिमय होता है और यहां आने वाले भक्तों को आध्यात्मिक शांति का अनुभव होता है।
यह धाम पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के राजमहल से लगभग दो किलोमीटर दक्षिणी पहाड़ी भूभाग में स्थित है। हालांकि इस धाम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के कई वादे किए गए, लेकिन यह वादा अभी तक पूरी तरह से साकार नहीं हो पाया है। फिर भी, माँ मांडवी देवी धाम का पौराणिक महत्व और धार्मिक आस्था इसे एक महत्वपूर्ण स्थल बनाते हैं। यदि आप प्रयागराज की यात्रा पर हैं, तो माँ मांडवी देवी धाम का दौरा अवश्य करें, यह स्थान आपकी यात्रा को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से समृद्ध करेगा।

