
दुर्वासा ऋषि आश्रम, जो प्रयागराज के पास ककरा गांव में स्थित है, एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह आश्रम महर्षि दूर्वासा की तपोस्थली के रूप में जाना जाता है और यहां भक्तों की आस्था का केंद्र है। दुर्वासा ऋषि, जो अपनी तपस्या और क्रोध के लिए प्रसिद्ध थे, ने इस स्थान पर कठोर तप किया था।
आश्रम का वातावरण शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक है, जो भक्तों को ध्यान और साधना के लिए प्रेरित करता है। यहां पर नियमित रूप से पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। महर्षि दुर्वासा की जयंती पर यहां विशेष आयोजन होते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं।
प्रयागराज से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित यह आश्रम हनुमानगंज से 7 किलोमीटर की दूरी पर है। जिससे यहां तक पहुंचना आसान है। भक्त यहां भगवान शिव और दुर्वासा ऋषि की पूजा कर अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं। श्रावण मास और कार्तिक मास के दौरान यहां विशेष मेले का आयोजन होता है, जिसमें श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ती है।
यदि आप प्रयागराज की यात्रा पर हैं, तो दूर्वासा ऋषि आश्रम का दौरा अवश्य करें। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
