काली घाटी बसना धाम फाफामऊ प्रयागराज

0
Kali Ghati Basna Dham fafamau Prayagraj

कालीघाटी बसना धाम प्रयागराज में कहाँ है?

प्रयागराज जिले के सोरांव तहसील के सोरांव ब्लॉक के फाफामऊ इलाके के पास एक छोटा सा गांव है, जिसका नाम है *मातादीन का पूरा*। इस गांव में एक खास जगह है जिसे लोग *कालीघाटी बसना धाम* के नाम से जानते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको एक लकड़ी का पुल पार करना पड़ता है, जो इस जगह की खासियत में से एक है। यह पुल शांति पुरम इलाके से करीब 2 किलोमीटर दूर है, और लोग यहां पैदल या गाड़ी से आ सकते हैं। यह जगह धार्मिक आस्था का केंद्र है और यहां मां काली का एक मंदिर है, साथ ही शिवजी और हनुमान जी के भी छोटे-छोटे मंदिर हैं। लोग यहां आकर अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करते हैं। यह जगह धीरे-धीरे एक धार्मिक स्थल के रूप में लोकप्रिय हो रही है। मंदिर के पास एक शनिदेव का छोटा सा मंदिर भी है, जहां लोग शनिवार के दिन विशेष रूप से पूजा करने आते हैं। इसके अलावा, आसपास के पेड़-पौधे और हरियाली इस जगह को और भी आकर्षक बनाते हैं।

Kali Ghati Basna Dham fafamau Prayagraj

कालीघाटी बसना धाम की शुरुआत कैसे हुई?

कहानी की शुरुआत होती है उस समय से जब इस इलाके में साधु-संतों का आना-जाना होता था। ये साधु लोग अक्सर शांत और प्राकृतिक जगहों पर ध्यान और साधना करते थे। ऐसा माना जाता है कि इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और शांति ने कई साधुओं को यहां बसने के लिए प्रेरित किया। धीरे-धीरे यहां लोगों ने पूजा-अर्चना शुरू कर दी और मां काली का एक छोटा सा मंदिर बनाया गया। मंदिर का माहौल बहुत शांत और सुकून देने वाला है। यहां आने वाले लोग न सिर्फ पूजा करते हैं, बल्कि इस जगह की शांति का भी आनंद लेते हैं। बच्चों के लिए भी यहां खेलने की थोड़ी जगह बनाई गई है, जिससे परिवार के लोग आराम से समय बिता सकें।

Kali Ghati Basna Dham fafamau Prayagraj

कालीघाटी बसना धाम का मंदिर कैसे बना?

मंदिर का निर्माण पूरी तरह से स्थानीय लोगों के सहयोग से हुआ था। गांव वालों ने मिलकर पत्थर और अन्य सामग्री इकट्ठी की और मंदिर बनाया। यह कोई चमत्कारिक घटना नहीं थी, बल्कि सामूहिक प्रयास का परिणाम था। मंदिर बनने के बाद यह स्थान धीरे-धीरे आसपास के इलाकों में प्रसिद्ध होने लगा। लोग यहां आकर पूजा करने लगे और इसे एक धार्मिक स्थल के रूप में मान्यता मिलने लगी।

Kali Ghati Basna Dham fafamau Prayagraj

कालीघाटी बसना धाम के बारे में लोग क्या मानते हैं ?

समय के साथ, *कालीघाटी बसना धाम* एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बन गया। यहां आने वाले लोग अपनी धार्मिक आस्था के साथ-साथ मानसिक शांति भी प्राप्त करते हैं। यह कोई चमत्कार या रहस्य नहीं है, बल्कि इसका कारण यह है कि जब लोग किसी शांत और प्राकृतिक स्थान पर जाते हैं, तो उन्हें मानसिक सुकून मिलता है। वैज्ञानिक रूप से भी यह सिद्ध हो चुका है कि प्रकृति में समय बिताने से तनाव कम होता है और मन शांत होता है।

Kali Ghati Basna Dham fafamau Prayagraj

काली घाटी बसना धाम आकर कैसा अनुभव होता है?

यहां आने वाले कई लोगों का कहना है कि उन्हें यहां आकर सकारात्मक ऊर्जा महसूस होती है। इसका कारण यह हो सकता है कि जब हम किसी धार्मिक या शांतिपूर्ण स्थान पर जाते हैं, तो हमारा मन पहले से ही सकारात्मकता की ओर झुक जाता है। यह हमारे दिमाग का एक स्वाभाविक तरीका होता है जिससे हम खुद को बेहतर महसूस कराने की कोशिश करते हैं।

Kali Ghati Basna Dham fafamau Prayagraj

काली घाटी बसना धाम में क्या-क्या है?

कालीघाटी बसना धाम सिर्फ धार्मिक महत्व के लिए ही नहीं, बल्कि इसकी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। चारों ओर हरियाली, पहाड़ी और नदी इसे एक आकर्षक स्थल बनाते हैं। यहां आने वाले लोग न केवल पूजा-अर्चना करते हैं, बल्कि प्रकृति की गोद में कुछ समय बिताकर मानसिक शांति भी पाते हैं।

Kali Ghati Basna Dham fafamau Prayagraj

काली घाटी बसना धाम के पीछे वैज्ञानिक नजरिया क्या है?

अगर हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें, तो किसी भी धार्मिक स्थल पर जाने से हमें मानसिक शांति क्यों मिलती है? इसका जवाब हमारे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में छिपा हुआ है। जब हम किसी शांतिपूर्ण और प्राकृतिक माहौल में होते हैं, तो हमारा मस्तिष्क आराम की स्थिति में चला जाता है। इसके अलावा, धार्मिक स्थलों पर ध्यान लगाने या प्रार्थना करने से हमारी सोच सकारात्मक हो जाती है, जिससे हमें शांति महसूस होती है।

Kali Ghati Basna Dham fafamau Prayagraj

कालीघाटी बसना धाम तक कैसे पहुंचा जा सकता है?

प्रयागराज के संगम क्षेत्र से अयोध्या की ओर गंगा के उस पार 12 किलोमीटर दूर है फाफामऊ तिराहा। फाफामऊ तिराहे से 500 मीटर अंदर है फाफामऊ का चौराहा। फाफामऊ चौराहे से बनारस वाली सड़क पर लगभग 500 मीटर आगे आने पर एक यू टर्न शुरू होता है जो रेलवे के फ्लाई ओवर से आगे जाता है। फ्लाई ओवर पर चढ़ने की बजाए  उसके बगल से उतर कर फाफामऊ के काशीराम कालोनी की तरफ आगे बढ़िए। रास्ते में गंगा ऋषिकूलम नाम से एक अंग्रेजी मीडियम स्कूल भी दिखाई पड़ेगा। 'काली घाटी बसना धाम जाना है' ऐसा स्थानीय लोगों से पूछ कर आप यहाँ तक पहुँच सकते हैं।  

इस स्थान तक पहुंचने के लिए दूसरा सीधा रास्ता है उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (UPRTOU) के पास मौजूद चौराहे से। यहां से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी तय करके कोई भी आसानी से मंदिर तक पहुंच सकता है। सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक और फिर दोपहर 3 बजे से शाम तक मंदिर के कपाट खुले रहते हैं। हालाकि लोग किसी भी समय यहाँ के प्राकृतिक नजारे को देखने के लिए आ सकते हैं। 

Kali Ghati Basna Dham fafamau Prayagraj

इसलिए अगर आप कभी इस जगह पर जाएं, तो इसे किसी अंधविश्वास की नजर से नहीं, बल्कि एक शांतिपूर्ण और प्राकृतिक स्थल के रूप में देखें जहां आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी की भागदौड़ से कुछ पल सुकून के बिता सकते हैं। 

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !