
विभंडक ऋषि आश्रम, जिसे परमहंस आश्रम भी कहा जाता है, पिपरी घाट, मीरजहांपुर, श्रृंग्वेरपुर, प्रयागराज में स्थित है। यह आश्रम एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है जो ऋषि विभंडक के नाम से जुड़ा हुआ है। ऋषि विभंडक, महान ऋषि कश्यप के पुत्र थे और अपने ज्ञान और तपस्या के लिए प्रसिद्ध थे। उनके पुत्र ऋष्यशृंग भी एक प्रसिद्ध ऋषि थे, जिनका उल्लेख रामायण में मिलता है।
आश्रम का वातावरण अत्यंत शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक है, जो भक्तों को ध्यान और साधना के लिए प्रेरित करता है। यहां पर नियमित रूप से पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। विशेष अवसरों पर यहां भजन-कीर्तन और सत्संग का आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं।
श्रृंग्वेरपुर, जहां यह आश्रम स्थित है, एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। लोककथाओं के अनुसार, यही वह स्थान है जहां भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान गंगा नदी को पार किया था। इस क्षेत्र का प्राकृतिक सौंदर्य और गंगा नदी का किनारा इसे और भी आकर्षक बनाता है।
विभंडक ऋषि आश्रम तक पहुंचना आसान है। प्रयागराज से यह स्थान लगभग 40-45 किलोमीटर की दूरी पर है और सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां तक पहुंचने के लिए स्थानीय परिवहन के साधन उपलब्ध हैं। यदि आप प्रयागराज की यात्रा पर हैं, तो विभंडक ऋषि आश्रम का दौरा अवश्य करें। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां की यात्रा आपके मन को शांति और भक्ति से भर देगी।




