
त्रिवेणी पुष्प प्रयागराज के अरैल घाट पर बना एक खूबसूरत स्मारक है, जो यमुना नदी के किनारे स्थित है। यह एक ऊंची मीनार की तरह दिखता है और संगम से साफ नजर आता है। यहां पर कई धार्मिक स्थलों की झलकियां और मूर्तियां रखी गई हैं, जिनमें रामजन्मभूमि, बद्रीनाथ, केदारनाथ और गौतम बुद्ध की मूर्तियां शामिल हैं।
अरैल का पुराना नाम अलर्कवती था और अब यहां महर्षि महेश योगी द्वारा बनाया गया एक बड़ा आश्रम और स्कूल भी है। त्रिवेणी पुष्प इसी संस्था द्वारा बनाई गई मीनार है। यह जगह धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत खास है और लोग यहां स्नान करने, पूजा करने और ध्यान लगाने के लिए आते हैं। अरैल घाट का नजारा खासकर शाम के समय बहुत सुंदर लगता है, जब सूरज की लालिमा गंगा के पानी पर पड़ती है। माघ मेले के दौरान यह जगह और भी खास हो जाती है, जब लाखों श्रद्धालु यहां स्नान करने और धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए आते हैं। त्रिवेणी पुष्प की प्राकृतिक खूबसूरती और आध्यात्मिक शांति लोगों को यहां बार-बार आने के लिए खींच लाती है।


